CORONA... ( घर वापसी ) ' इस शहर में मज़दूर जैसा कोई दर बदर नहीं , जिसने सबके घर बनाये उसका कोई घर नहीं ...' हजारो लाखो लोगो का वापस अपने मुलुक ( गाँवों ) की तरफ पैदल , साइकिल पर , चोरी छुपे , भूखे - प्यासे कई दिनों तक भीड़ की शकल में जाना . आने वाले दिनों में कोई बड़ी महामारी की वजह न बने . पर इन लोगो की भी मज़बूरी है वो बता रहे है नहीं गए तो भूख से मर जायेगे और फिर कम से कम घर वालो के सामने तो मरेंगे . सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिस कर रही है पर साधन तो है जितने है और लोग अनगिनत . शायद यही वजह रही होगी की ट्रैन को पूरी तरह बंद नहीं किया गया होगा . पर यह वक़्त सरकार पर सवाल उठाने का नहीं है की उसने राहुल गाँधी के तीन महीने से ट्विटर पर ट्वीट कर चेताया जा रहा था या फिर विदेश से आने वाली फ्लाइट पर क्यों रोक नहीं लगाए या क्यों विदेश से आने वालो की स्क्रीनिंग नहीं की