जिंदाबाद जिंदाबाद हालात जब भी अपने सुर ताल बदलते है... नाती नवाब के भी ननिहाल बदलते है...!! नेताओ का बदलना पार्टी , नया नहीं है साँपो में रवायत, वो खाल बदलते है.....!! 'अस्तित्व अंकुर' आज के नेताओ को देख कर कुछ भी लिख दो, बोल दो, सुना दो कुछ फर्क नहीं पड़ता पता है क्यों कि करीब करीब सभी लोगो में यह सोच बना राखी है कि पॉलिटिक्स में सब जायज है. इस सब के जिम्मेदार हम लोग ही हे क्यों कि सिर्फ कहने के लिए बात कही जाती है कि चुनाव में जातिवाद नहीं होगा, धर्म, भाई भतीजावाद नहीं होगा पर हम सब क्या करते है अपने चहेतों को टिकट दिलाने या मिलने पर किसको चुनते है या सपोर्ट करते है फिर उम्मीद गरीबी हटाने कि या विकास की करते है यह दो नारे का जिक्र करुगा जो हमारे देश में काफी लोकप्रिय हुई एक तो इंद्रा गाँधी जी (Iron LAdy) के वक़्त में "गरीबी हटाओ" और दूसरा आज के दौर में विकास और विकास (सबका साथ सबका विकास).लोग बातो में आ गए और लोगो ने समझा गरीबी दूर हो जाएगी और आज तक